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कालचक्र - द सीक्रेट ऑफ टाइम

कालचक्र
चैप्टर - 2
द मिस्टीरियस ट्रैवेलर 

शेखर भविष्यकाल की यात्रा कर के ठीक उसी समय में वापस लौट आया था, जब उसने समय यात्रा की शुरुआत की थी यानि कि अपने मूलभूत समय में, मगर इस बार कुछ गड़बड़ हो गई थी।
"म... मेरा टाइम ट्रैवेल डिवाइस... और ये... ये क्या है?" 
शेखर ने अपने हाथों में मौजूद टाइम ट्रैवेल डिवाइस के बजाए उस पेपर को देखा जिस पर टाइम मशीन बनाने का हूबहू वैसा ही फॉर्मूला लिखा हुआ था जैसा कि उसने अपने भविष्यकाल 
में देखा था।
दरअसल हुआ यह था कि जब वह भविष्यकाल के शेखर की टाइम मशीन को नष्ट करने के लिए उसे ले जा रहा था और यह देखकर भविष्यकाल के शेखर ने उस पर हमला कर दिया था तो ठीक उसी हमले में उन दोनों के टाईम ट्रैवेल डिवाइसेज आपस में एक्सचेंज हो गए और शेखर का बनाया हुआ डिवाइस फ्यूचर में ही रह गया था। 
जबकि वह अपने साथ भविष्य का पहले से भी ज्यादा एडवांस डिवाइस ले आया था मगर यहाँ एक दुर्घटना घट गई थी।
हुआ यह कि जब शेखर ने भविष्य में अपनी डिवाइस के बजाए उस दूसरे टाइम ट्रेवेल डिवाइस का इस्तेमाल किया तो चूंकि वहाँ पर एक और टाइम ट्रैवेल डिवाइस मौजूद था, यानि उसकी खुद की डिवाइस जिसे वह भविष्य में छोड़ आया था।
अब हुआ कुछ यूँ कि गलती से उसकी अपनी डिवाइस भी ऑन हो गई थी और परिणामस्वरूप भविष्य के उस दूसरे टाइम ट्रेवेल डिवाइस ने शेखर के साथ-साथ खुद भी समय यात्रा की थी। जिसकी वजह से अब वह डिवाइस अपने मूल रूप में आ गया, जब वह सिर्फ एक अनोखे आईडिया के रूप में पेपर पर मौजूद था, अपने प्रारम्भिक स्वरूप में।
यह शायद दो टाइम ट्रैवेलिंग डिवाइसों के एक साथ प्रयोग किए जाने पर घटित होने वाला गम्भीर और अनोखा परिणाम था, जो कि फिलहाल उसकी समझ से बिल्कुल परे था।
खैर वास्तविकता यह थी कि शेखर के पास अपना टाइम ट्रेवेल डिवाइस ही नहीं था, बस एक आईडिया था और अब उसे एक नया डिवाइस बनाना था।
"मुझे... मुझे शनाया को बचाना होगा... मुझे वापस भूतकाल में जाना होगा।"
शेखर पागलों की तरह बड़बड़ाता हुआ चल पड़ा एक नया टाइम ट्रैवेलिंग डिवाइस बनाने के लिए। 
मगर इससे पहले कि वह डिवाइस बनाने की शुरूआत करता अचानक वहाँ पर कुछ बहुत ही अजीब सा घटित हुआ।
शेखर उस वक्त अपने कमरे में खड़ा था जब उसकी ठीक दायीं ओर एक हल्का सा खुटका हुआ।
"ये क्या..."
बोलता हुआ वह दायीं ओर मुड़ा पर वह अपना सवाल पूरा कर पाता उससे पहले ही वहाँ उससे सिर्फ कुछ कदम दूर रोशनी का एक तेज धमाका हुआ और उसकी आँखें अपने-आप ही बंद हो गईं।
आँखें बंद किए हुए भी उसे महसूस हो रहा था कि उसके ठीक सामने वहाँ जोरदार रोशनी की चमक उठ रही थी मानों जैसे कि हजार??%

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5 Comments

🤫

19-Oct-2021 09:21 PM

कहानी अधूरी लग रही है, जैसे पार्ट को उचित एन्ड नही मिला हो...🤔🤔

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Niraj Pandey

19-Oct-2021 06:10 PM

बहुत खूब

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Manish Pandey 'Rudra'

19-Oct-2021 07:17 PM

धन्यवाद 😊

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Gunjan Kamal

19-Oct-2021 02:37 PM

Very nice 👌

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Manish Pandey 'Rudra'

19-Oct-2021 04:32 PM

Thanks 🙃

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